RAM और ROM को समझाइये| (Explain RAM & ROM)

 

RAM और ROM को समझाइये| explain ram एंड rom

उत्तर:-  RAM:-  इसका पूरा नाम रैंडमएक्सेस मेमोरी हैं यह एक क्प्रकर की अस्थायी मेमोरी के रूप में कार्य करती हैं इसके अंतर्गत जब हम अपने कंप्यूटर  को चालू करते हैं और कोई इनफार्मेशन provideकरते हैं तो वह कंप्यूटर की मेमोरी में स्टोर हो जाता है जब तक कमांड के द्वारा इनफार्मेशन deleteनही किया जाता है या कंप्यूटर को बंद नहीं की जाती हैं| तब तक हमारी सूचनाये कंप्यूटर में स्टोर रहते हैं और जब हमारे द्वारा कंप्यूटर को बंद किया जाता है तो  यही इन्फो. अचानक से समाप्त हो जाती  है यह सब कार्य ram में ही स्टोर होती हैं तथा जब हम अपने कंप्यूटर को दोबारा open करते है तो या इन्फो हमें वह दिखाई नहीं देती हैं या कह सकते हैं यह इन्फो हम दोबारा  नही देख पते हैं जिससे हमें इसका अस्थायी मेमोरी होने का पता चलता हैं|

ROM:- इसका पूरा नाम रीड ओनली मेमोरी हैं , यह एक स्थायी मेमोरी होती हैं इसके अंतर्गत जब हम अपने कंप्यूटर को चालू करते है तो हमारे कंप्यूटर पर massageडिस्प्ले होती है ये सभी निर्देश और सन्देश कंप्यूटर की स्थाई मेमोरी में स्टोर होते है अर्थात rom में हो स्टोर होते है इसके द्वारा निर्देश ,मिलने पर massage स्क्रीन पर present होते है इसमें हम देखते है की इनपुट – आउटपुट डिवाइस जैसे:- key बोर्ड ,फ्लोपी,CD rom etc को बारी –बारी  से जाचा जाता हैं अगर कोई डिवाइस ठीक से कार्य नही कर रह है या ख़राब है अथवा कोई भी कमी है तो वह उसके लिए massage moniter पर डिस्प्ले कर देता  हैं|

स्मृति में प्रोग्राम को स्टोर करने की मेथड का वर्णन

1)      SAM:-  इसका पूरा नाम Sequential Access  memory होती हैं , यह नाम से पता चलता है की क्रमवार लिखना या पड़ना | इसके अनुसार जब हम कंप्यूटर का डाटा मैग्नेटिक टेप में स्टोर करते हैं तो उसको क्रम से ठीक तरह से लिख या पढ़ा जाता है इसे सरल शब्दों में जानते है जब हम कैसेट में गाने सुनते है और हम दुसरे नंबर का गाना सुन रहे है और हम पाचवे नम्बर का गाना सुनना चाहते है तो इसके  लिए हमें तीसरा , चौथा,गाना फॉरवर्ड करना पढता है तब जाकर हम पाचवे नंबर की गाने पर पहुचते हैं इसी कार्य को SAM कह जाता है|

2)      RAM :- इसका पूरा नाम रैंडम एक्सेस memory  हैं , इसका कार्य SAM के बिल्कुल oposite हैं यह न्यू टेक्नोलॉजी पर आधारित memory हैं इसके अंतर्गत हम फ्लोपी और CD etc से प्रोग्राम पढ़ने की प्रोसेस को अपनाते हैं|

उदा. जब हम CD प्लेयर में गाने को सुन रहे होते हैं – अगर हम गाना नंबर पाच सुन रहे है और हम 20 नंबर का गाना सुनना चाहते है तो हम सीधे सेटिंग के द्वारा 20 नंबर का गाना  सुन सकते हैं ram इसी फार्मूला पर कार्य  करता है |

      Computer की स्मृति के भाग:

                                Main रूप से कंप्यूटर की मेमोरी को दो भाग में डिवाइड किया गया हैं :

            1)आउटर memory

            2)इनर memory

1)आउटर memory:- CD,हार्ड डिस्क , फ्लोपी डिस्क को आउटर memory  कह जाता हैं|

2)इनर memory :- कंप्यूटर की इनर memory मूल रूप से I.C.पर स्टोर की जाती है तथा यह semi – कंडक्टर memory भी कहलाता हैं|

      इनर memory को भी कई भागो में डिवाइड किया गया हैं :-

1)      ROM:- इसका पूरा नाम रीड ओनली memory है इसमें लिखी हुई प्रोग्रामो को सिर्फ पढ़ सकते हैं उसके अन्दर हम कोई एडिटिंग या कुछ लिख नही सकते हैं जैसा प्रोग्राम memory में स्टोर हो जाता है वैसे ही आउट पुट पर देख व पढ़ सकते हैं rom द्वारा स्टोर सारा डाटा प्रोग्राम स्थायी होते हैं तथा समय –समय पर इन्फो की जानकारी देते रहते हैं|

2)      Read/ Right memory :- बेसिक इनपुट – आउटपुट system के द्वरा कंप्यूटर के on होने पर इसलो इनपुट – आउटपुट डिवाइस को चेक करने तथा कण्ट्रोल करने का कार्य करता हैं शुरू में यह परेशानी सामने आई की एक बार IC में प्रोग्राम स्टोर हो जाने पर हम इसमें कोई भी लिखित फेर –बदल नहीं कर पा रहे थे , जिसके परिणाम स्वरुप यूजर को परेशानी का सामना करना पढता था लेकिन इसकी इसी समस्या के निर्वरण हेतु IC का निर्माण करना पड़ा|

3)      EPROM:- इसका पूरा नाम इरेजेबल प्रोम रीड ओनली memory हैं इसके use से स्टोर प्रोग्राम को delete किया जा सकता है अगर हमने काफी समय पहले कोई प्रोग्रम स्टोर किया जुआ है तो इसको delete कर नया प्रोग्राम स्टोर कर सकते है उदा.के लिए यह काफी कुछ री-राईटेबल CD की तरह से होता हैं|

4)      PROM:- इसका पूरा नाम प्रोग्रामेबल रीड ओनली memory के नाम से जाना जाता हैं इस memory के अंतर्गत इसमें केवल एक बार ही प्रोग्राम स्टोर किया जा सकता है इसके बाद ना तो इसको delete कर सकते है ना ही एडिट  कर सकते हैं |

5)      EEPROM:- इसका पूरा नाम ELACTRICALY इरेजेबल प्रोम रीड ओनली memory होता है इस memory के अंतर्गत किसी भी प्रोग्राम को delete या एडिट करने के लिए किसी other डिवाइस की जरूरत नही होती है इसके लिए एलाक्ट्रिकल सिग्नल जो की कंप्यूटर  में उपलब्ध रहते है हमरे द्वरा दी जाने वाली कमांड के द्वारा ही प्रोग्राम को अपडेट कर देते हैं|

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