असेम्बलर, कम्पाइलर और इंटरप्रेटर को समझाइये|
उत्तर- असेम्बलर- असेम्बलर का कार्य असेंबली भाषा में लिखे
प्रोग्राम को मशीन भाषा में बदलना होता हैं सीधे शब्दों में कह सकते है की
असेम्बलर वह प्रोग्राम है जो असेंबली भाषा को मशीन भाषा में परिवर्तित करता है असेम्बलर
हाई level लैंग्वेज को (कम्पाइलर की तरह ही ) मशीनी लैंग्वेज में ट्रांसलेट करता
हैं तथा यह न्यूमेरिक कोड को बाइनरी कोड में चेंज करता है| वह असेम्बलर कहलाता हैं|
कम्पाइलर- कम्पाइलर का मुख्य कार्य हमारे द्वारा
इंटर किये गए डाटा को मशीन कोड में परिवर्तित करना होता हैं , क्योकि कंप्यूटर की
एक अपनी लैंग्वेज होती हैं यह हमारे द्वारा लिखी गई भाषा को नहीं समझता हैं इसलिए
कम्पाइलर के द्वारा यह कार्य पूरा होता है
कम्पाइलर इस कम को 0 और 1 के रूप में करता हैं | उदहारण जब हम किसी व्यक्ति से कोई जानकारी एंड बात करना
चाहते है और उसकी बाते हम समझ नही पते तो हमें द्विभाषी व्यक्ति की जरुरत पड़ती हैं
अब ये व्यक्ति भाषा समझकर हमें उसकी पूर्ण रूप से जानकारी देता हैं यही कार्य
कम्पाइलर कंप्यूटर में हमारे लिए करता है कम्पाइलर की हेल्प से ही हम हाई level
लैंग्वेज में लिखी गयी प्रोग्राम को मशीन लैंग्वेज में बदल सकते हैं | कम्पाइलर एक ही साथ पुरे प्रोग्राम को मशीन
लैंग्वेज में बदल देता हैं|
इंटरप्रेटर- इंटरप्रेटर तथा कम्पाइलर में main फर्क यह है
की कम्पाइलर पुरे प्रोग्राम को एक साथ ही मशीन कोड में परिवर्तित कर
देता है जबकि इंटरप्रेटर हाई level
language में लिखे गए प्रोग्राम को एक-एक निर्देश की बरी-बरी से मशीन लैंग्वेज में
परिवर्तित करके execute करता हैं यह एक
साथ पुरे प्रोग्राम को मशीन कोड में execute
नहीं करता है इंटरप्रेटर मेमोरी में स्पेस
को कम रोकता है जिससे प्रोग्राम पर कार्य करते टाइम मेमोरी स्पेस बचा रहता
हैं प्रोग्राम को लिखने से पहले ही
इंटरप्रेटर को मेमोरी में लोड कर दिया जाता है अगर हमारे प्रोग्राम में कोई गलती हैं तो तुरंत ही उसको
हाईलाइट करके प्रोग्रामर उसमे सुधर करता
हैं उसके बाद ही यह प्रोग्राम को मशीन लैंग्वेज में execute करता हैं अतः
इंटरप्रेटर की हमेशा जरुरत बनी रहती है , क्योकि यह प्रयोग में आसान हैं हर एक हाई
level language , जो इंटरप्रेटर का use करती हैं,इसका एक निश्चित इंटरप्रेटर होता
हैं | उदहारण BASIC एंड पास्कल लैंग्वेज में इंटरप्रेटर का use होता हैं|
Comments
Post a Comment