Class -10(सामाजिक विज्ञान) अध्याय -1 भारत के संसाधन-१, सभी प्रश्नों के उत्तर देखे।


अध्याय -1 
भारत के संसाधन


हम इस पोस्ट में 10वी कक्षा के सामाजिक विज्ञान के सभी प्रश्नों को पढ़ेने वाले हैं तथा उन सभी प्रश्नों का उत्तर इस पोस्ट में देखने वाले हैं, हम इस पोस्ट में अध्याय 1 के सारे प्रश्न को उत्तर सहित सरल शब्दों में पढ़ने वाले हैं इस पोस्ट में हम अति लघु उत्तरीय प्रश्न से लेकर दीर्घ उत्तरीय प्रश्न तक सारे प्रश्नो को पढ़ेंने वाले हैं। तो आप हमारे साथ इस पोस्ट पर  आरंभ से लेकर अंत तक बने रहिए। इस पोस्ट में 10वीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान के ( अध्याय -1 ) का "भारत के संसाधन " के सभी प्रश्नों को उनके उत्तर सहित पढ़ने वाले हैं तो चलिए हम चलते हैं अध्याय के पहले प्रश्न की तरफ।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न- 1 मृदा अपरदन से क्या तात्पर्य है?(2014,18)
उत्तर -
        मृदा अपरदन से क्या तात्पर्य है कि भू पटल के ऊपरी उपजाऊ मिट्टी की परत के कट जाने से, जल से बह जाने से,वायु या जीव -जंतुओ व मानव की क्रियाओं द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हो ना मिट्टी का कटाव या मृदा अपरदन कहलाता है।

(नोट:- इस प्रश्न के उत्तर से आप समझ चुके होंगे कि मृदा अपरदन कैसे होता है यह भी समझ चुके होंगे कि किस किस वजह से होता है लेकिन कुछ बातों का मतलब आपको पता भी नहीं होगा जैसे:" अपरदन" इस शब्द का तात्पर्य नाश होने से है अपरदन किसी भी चीज का नाश होने को दर्शाता है)

प्रश्न-2  मृदा संरक्षण से आप क्या समझते हैं।(2015)

उत्तर -
        मिट्टी के अपरदन या नाश होने से रोकना ही मृदा  संरक्षण कहलाता है। बढ़ती जनसंख्या के कारण प्राकृतिक संसाधनों का बड़े पैमाने पर विनाश हो रहा है इसीलिए मृदा संरक्षण द्वारा विनाश को रोकना अति आवश्यक है।

(नोट:-इस प्रश्न में संरक्षण से आशय रक्षा करने से होता है। और यह पर मृदा की रक्षा कैसे करें इस बारे में बताया गया है।)

प्रश्न- 3 भौम जल पाने के स्त्रोत क्या है?(2017)
उत्तर-
       भौम जल पाने के स्त्रोत में कुएं, ट्यूबल आते है,इनसे जल को धरातल पर लाया जाता हैं तथा मानव के उपयोग के अतिरिक्तकृषि में भूमि की सिंचाई, उद्योग, बागवानी आदि में उपयोग किया जाता हैं।

(नोट:- भौम जल पाने' का अर्थ भूमि से जल प्राप्त करना होता है।)


प्रश्न -4 संशोधित वन नीति 1988 का मुख्य आधार क्या है?

उत्तर:- 
        सन 17 दिसंबर 1988 को नई वन नीति का घोषणा किया गया था जिसके अंतर्गत वन नीति में कुछ संशोधित (सुधार) किया गया। इसके मुख्य आधार इस प्रकार से है: -
1. पर्यावरण में स्थिरता लाना।
2. जीव- जंतुओं व वनस्पति जैसी  प्राकृतिक धरोहर की सुरक्षा करना।
3. लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी करना।

प्रश्न -5 सामाजिक वानिकी योजना की सफलता का आधार क्या है?

उत्तर -
         सामाजिक वानिकी योजना की सफलता के आधार पर निम्नलिखित हैं:-
1. वन कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करके हरे- भरे वृक्षों को काटने पर रोक लगाना।
2. हिमालयी क्षेत्रों में वृक्षों की कटाई पर रोक लगाना।
3. पशुओं की मुख चढ़ाई पर उचित रोकथाम की व्यवस्था करना।

प्रश्न -6  भारतीय वन प्रबंधन संस्थान की स्थापना क्यों की गई?
उत्तर-
    वन संसाधन व प्रबंधन की नई बातों को बताने के लिए   सन 1978 ईस्वी में स्वीडिश कंपनी की मदद से गुजरात के अहमदाबाद में इस संस्थान की स्थापना किया। इसके पश्चात केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश के भोपाल में भी भारतीय वन प्रबंधन संस्थान की स्थापना किया। इन संस्थान में स्नातकोत्तर एवं डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की जाती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न-1 मृदा परिच्छेदिका से क्या तात्पर्य है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -
        मैदा परिच्छेदिका से यहां तात्पर्य है कि मृदा क्षैतिज परतों, विन्यास और उनके स्थितियों को क्रम से दिखाने वाली ऊर्ध्व काट को मृदा परिच्छेदिका कहते हैं। इसे इस प्रकार भी समझ सकते हैं: -
1. ऊपरी परत को ऊपरी मृदा कहते हैं। क्योंकि यहां मृदा की वास्तविक परत होती है। इसकी महत्वपूर्ण विशेषता इसमें ह्यूमस या जैव पदार्थ का पाया जाना है।

2. दूसरी परत को उप मृदा होती हैं। जिसमें चट्टानों के टुकड़े ,बालू, गाद था चिकनी मिट्टी होती है।

3. तीसरी और चौथी परत में अपेक्षाकृत चट्टाने की मूल पदार्थ होती है।

प्रश्न -2 मानव जीवन में मृदा का क्या महत्व है? समझाइए। (2017)

उत्तर -
       मानव जीवन में मृदा का सबसे अधिक महत्व होता है खासकर किसानों के लिए। संपूर्ण मानव जीवन मृदा पर निर्भर करता है क्योंकि प्राणी जगत का संपूर्ण भोजन प्रत्यक्ष रूप से मृदा से प्राप्त होता है। हमारे वस्त्रों के निर्माण के लिए कपास, जूट, रेशम व ऊन प्रत्यक्ष रूप से हमें मृदा से मिलती है।
जैसे - भेड, मृदा पर उगी घास खाती है और ऊन देती हैं। रेशम के कीड़े वनस्पति पर निर्भर है और वनस्पति मृदा पर उगती है। भारत में लाखों घर मिट्टी के बने हुए हैं हमारा पशुपालन उद्योग, वन उद्योग, कृषि उद्योग मृदा पर निर्भर है। इस प्रकार से मृदा मानव जीवन का प्रमुख आधार है।

प्रश्न-3 लाल मिट्टी और लेटराइट मिट्टी में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर 
      

प्रश्न -4 जल संरक्षण के प्रमुख उपाय क्या है?

उत्तर - 
        जल एक मूल्यवान संपदा होती है इससे हमारी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी होती है पृथ्वी की मूलभूत जीवन का आधार जल होती है। जल संसाधनों की सीमित आपूर्ति तेजी से बढ़ती हुई मांग और इनकी असमान उपलब्धता के कारण जल संरक्षण आवश्यक होता है।
    इसके निम्नलिखित उपाय इस प्रकार है: -
1. वर्षा जल संग्रहण तथा इसके अपवाह को रोकना।
2. छोटे बड़े सभी नदियों के जल का संग्रहण तथा उनका प्रबंध करना।
3. जल को प्रदूषित होने से बचाना।

प्रश्र-5 वर्षा जल का संग्रहण क्यों जरूरी है? (2018)

उत्तर - 
       वर्षा जल संग्रहण से तात्पर्य है कि वर्षा के जल का प्रयोग उसी स्थान पर करना चाहिए जिस स्थान पर वर्षा का जल गिरता है जल का प्रथम कारण वर्षा ही है। जल के विभिन्न कारण है जैसे: - कुआ, नल -कुपो, तालाब, झरना का मुख्य आधार वर्षा हैं वर्षा जल के प्रमुख लाभ इस प्रकार है: -

1. इसे साफ रख कर स्थानीय लोगों की जल उपयोग की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है।
2. इसे वर्षा के कम होने या ना होने के समय खेतों में सिंचाई करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
3. जल संग्रहण से परिणाम स्वरूप आसपास के भागों में बाढ़ की संभावना कम रहती है।
4. इससे जल का एक लाभ यह भी होता है कि धरातल का पानी का स्तर ऊंचा होता है जिसे नल, ट्यूबल के द्वारा यूज किया जा सकता है ।

प्रश्न -6  वनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है?(2017)
उत्तर -
       वनों प्राकृति की अमूल्य देना है यहां महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है ऐसा अनुमान है कि प्रारंभ में पृथ्वी का एक चौथाई भाग यानी 25% वनों से ढका हुआ था, किंतु मानव विकास के साथ खेती ,आवास तथा कल कारखानों के लिए भूमि प्राप्त करने हेतु वनों की एक बड़े पैमाने पर कटाई कर दी गई, इसके परिणाम स्वरूप पृथ्वी के केवल 15% भाग पर वन की इस कमी के कारण भू- अपरदन, अनावृष्टि, बाढ़ आदि समस्याएं आज मानव के समक्ष आकर खड़ी हो गई है। अतः वनों का संरक्षण करना आवश्यक हो गया है।

प्रश्न -7 वन आधारित उद्योगों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
      वन हमारे उद्योग धंधों की सबसे बड़ी आधारशिला है ।यह उद्योगों को कच्चा माल प्रदान करते हैं अनेक उद्योग धंधे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वनों पर निर्भर करते हैं ।वनों पर निम्न रूप से उद्योग धंधे निर्भर है। वनों से प्राप्त लकड़ी ,घास ,संनोवार तथा बास से कागज उद्योग, तथा सफेद सनोवार से दियासलाई उद्योग राख से लाभ तोक मोम से मोम तोक ,महुआ की छाले व बबूल से गोंद ,चमड़ा उद्योग ,चंदन ,तारपीन और केवड़ा से तेल उद्योग, जाड़ी बूटियों  से औषधि उद्योग विकसित होते हैं। इसके अलावा वनों से प्राप्त वस्तुओं जैसे:- तेंदूपत्ता, बेंत, सहद, मोम आदि से लघु उद्योगों का विकास होता है।
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प्रश्न -9 दिसंबर 1988 की वन नीति की प्रमुख विशेषताएं लिखिए।
उत्तर -
       सन्  7 दिसंबर 1988 को घोषित वन नीति की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है: -
1. वनों की उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
2. पहाड़ी ,घाटी और नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में वन बढ़ाया जाना चाहिए।
3. जंगल में आदिवासियों और निर्धनों के पारस्परिक अधिकार बरकरार रखे होना चाहिए।
4. वर्तमान वनों को कटाई से बचा जाना चाहिए और पर्यावरण संतुलन बनाए रखना चाहिए।

प्रश्न-10 सामाजिक वनीकि योजना क्या है? (2018)
उत्तर -
        सामाजिक वानिकी योजना वृक्षारोपण की यह योजना पूरे विश्व बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त करती है। इसमें चक्र वनीकि, विस्तार वानिकी एवं शहरी वनीकि के अंतर्गत खेतो, सड़क और रेल लाइन के किनारे वृक्षारोपण किया जाता है।
हर बच्चे के लिए एक पेड़ स्कूल व कॉलेज या नारा विकसित किया गया वन महोत्सव का प्रचार प्रसार कर फार्म वृक्षारोपण सड़कों नेहरू वह रेलवे लाइन के किनारे वृक्षारोपण कर जनभागीदारी को बढ़ावा देना अति आवश्यक है वन कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करके हरे भरे वृक्षों को काटने से रोकना है हिमालय क्षेत्र में वृक्षों की कटाई को रोकने एवं पशुओं की मुक्त चढ़ाई पर उचित रोकथाम की आवश्यकता है।

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