गैनंग पोटोमीटर द्वारा वाष्पोत्सर्जन मापन विधि का वर्णन कीजिए |
हम इस पोस्ट में वाष्पोत्सर्जन दर को पटोमीटर के माध्यम से ज्ञात करेंगे, इसे मापने के लिए हमें कुछ इम्पोर्टेन्ट सामग्री की आवश्यकता होती हैं जो सामग्री घरो में use किये जा चुके है उन चीजो में से कुछ जरुरत सामग्री को हम use में लेते हैं| जैसे:- बौलपेन, उसकी खाली रिफिल , मिनरल बोतल, कैची एंड M -शील आदि सामग्री लाना होगा| पोटोमीटर पौधो की वाष्पोत्सर्जन दर निकलने के काम आते हैं प्रचलन में तीन तरह के पोटोमीटर उपलब्ध हैं हैं :-
- फारमर का पोटोमीटर |
- डारविन का साधारण पोटोमीटर |
- गैनांग का पोटोमीटर |
इन पोटोमीटर को सेट करना जरा कठिन होता है क्योकि ये वायुरोधी होने चाहिए परन्तु अक्सर इनसे यह - वहा से पानी निकलता रहता है अतः लीकेज के कारण ये काम नही करते है | यही कारण है की collage की प्रायोगिक कक्षाओं में भी इन्हें बस एसे ही दिखा दिया जाता हैं| लीकेज को रोकने के लिए ग्रीस या plastisine लगाने का जिक्र है किताबो में परन्तु अनुभव यह कहता है की बाहरी सतह यदि गीली हो जाये तो फिर वहा ग्रीस या वेसलिन नहीं टिकता हैं|
मापन विधि:-
पोटोमीटर के मुह पर लगे कौक में पौधे की एक शाखा लगा देते है |फिर पुरे यंत्र को वायु अवरुद्ध करके धुप में रख देते है इसकी क्षैतिज नली में चिन्ह लगे होते हैं| इस नली के अंतिम भाग की घुंडी के छिद्र द्वारा वायु का एक बुलबुला प्रवेश करा दिया जाता हैं| पत्ति द्वारा वाष्पोत्सर्जन के फलस्वरूप वायु का बुलबुला क्षैतिज नली में गति करता हैं चिन्हों की मदद से बुलबुले द्वरा तय की गारी दुरी तथा समय ज्ञात कर लिया जाता हैं इस प्रकार दुरी में समय का भाग देकर वाष्पोत्सर्जन की दर ज्ञात की जा सकती हैं|
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