डिक्सन और जौली के वाष्पोत्सर्जन सलांग तनाव सिद्धांत को संक्षेप में समझाइये|

 डिक्सन और जौली के वाष्पोत्सर्जन सलांग  तनाव सिद्धांत 

                                                                or 

रसारोहन की  भौतिक सिद्धांत

    इस पोस्ट में हम डिक्सन और जौली के वाष्पोत्सर्जन के बारे में जानेगे इनका यह सिद्धांत पौधो में किस प्रकार से वाष्प उत्सर्जन होता है हम यह जानेगे की एक पौधा अपने बॉडी से कैसे वाष्प उत्सर्जित करता हैं इसी पर इस पोस्ट में डिक्सन और जौली की सिद्धांत को जानेगे \
       
         डिक्सन और जौली के अनुसार पौधो की जईलम वाहिनियो में जल का एक अटूट स्तम्भ उपस्थित होता हैं जिससे जल के अणु ससंजक बल (cohesive force ) के द्वारा एक- दुसरे से तथा अभिलंगी बल (adhesive force )के द्वारा जईलम वाहिनियो की दीवारों से चिपके रहते है|

       
         पत्तियों में हो रहे वाष्पोत्सर्जन के कारन मिसोफिल कोशाओ में जल की विसरण दाब न्यूनता (DPD ) अधिक हो जाता है अतः जईलम वाहिनियो में जल पर एक दाब पड़ता हैं जिससे जल एक अखंड स्तम्भ के रूप में पौधो की चोटी तक अरोहरण करता हैं इस क्रिया में जईलम वाहिनिय केवल एक निष्क्रिय नली के रूप में कार्य करता हैं| इसलिए इस क्रिया को डिक्सन और जौली के वाष्पोत्सर्जन सलांग तनाव सिद्धांत या रसारोहन की भौतिक सिद्धांत भी कह जाता हैं|

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