भारत देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का जन्म कब हुआ था?

 भारत देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का जन्म कब हुआ था?

    आप सभी जानते है भारत की सबसे पुरानी राजनीति पार्टी कब से चालू हुआ था व जन्म कब हुआ था क्यों किया गया था अगर नही जानते है तो फिर मेरे इस पोस्ट में बने रहो , वैसे तो बारात में राजनीति पार्टी का जन्म स्कॉटलैंड के एक रिटायर्ड ऑफिसर अहो  ह्युम ने किया था क्योंकी उस समय भारत में ना कोई कानून था न ही कोई रुल,इसलिए अहो ने राजनितिक पार्टी का विकास किया जिससे की  लोग अपनी बात को लोगो के बीच रख सके,एहो ने भारत देश में   राजनीतिक पार्टी का जन्म 28दिसम्बर 1885 में किया  था इसे एक अंग्रेज ने स्थापित किया और इसका नाम कांग्रेस रखा, कांग्रेस पार्टी के स्थापना का श्रेय अंग्रेज एलन ऑक्टेवियन ह्यूम या एहो ह्युम को जाता हैं।



 एहो ह्यूम स्कॉटलैंड के एक रिटायर्ड अधिकारी थे और इन्होंने ने ही 28दिसम्बर 1885 मे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना किया एहो ह्यूम को उनके जीते जी कभी भी कांग्रेस के संस्थापक का दर्जा नहीं मिला । इनकी मृत्यु के पश्चात 1912 में इन्हे कांग्रेस पार्टी का संस्थापक घोषित किया गया ।

अंग्रेजो ने कांग्रेस पार्टी की स्थापना क्यों किया था , यह बहुत ही दिलचस्प वाली बात है | 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज नही चाहते थे की फिर कभी इस प्रकार के हालत बने| इसलिए उन्होंने एक ऐसा मंच बनाने का सोचा जहां पर इंडियन लोग अपनी बात को रख सके और अपनी विरोध भी जाता सके | इस मंच का उदेश्य केवल पढ़े - लिखे भारतीय के बिच सरकार की अच्छी पकड़ बना रहे , जिससे ब्रिटिश राज और उनके बिच में नागरिक और राजनितिक मुधो पर बात हो सके, इसके लिए एक अंग्रेज ऑफिसर एहो ह्युम को चुना गया था|

कांग्रेस पार्टी की स्थापना भले ही अंग्रेज ने की  हो लेकिन इसका अध्यक्ष भारतीय ही था |  कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष कोलकता हाई कोर्ट के बैरिस्टर व्योमेश चन्द्र बनर्जी बने थे| कांग्रेस पार्टी का पहला अधिवेशन पुणे में होने वाला था लेकिन वह पर उस समय हैजा नामक बीमारी फैली हुई थी जिसके वजह से पुणे में नही किया गया और इसे मुंबई में कराया गया था|

                                      कांग्रेस का पहला अधिवेशन २८ से ३१ दिसम्बर १८८५ में मुंबई में हुआ था |

कांग्रेस में बन गए दो धड़ 


    20 वीं की सताब्दी की शुरुआत में ब्रिटिश सरकार के लगातार विरोध के कारण कांग्रेस की मांगे और बड गए थे| इस हालत को  देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने भारत की आजादी के आन्दोलन का समर्थन करने का फैसला किया जिससे उभरने वाले नए राजनितिक system में कांग्रेस एक बहुत बड़ी पार्टी बन जाती थी|

जब 1905 में बंगाल का बंटवारा हुआ जिससे कांग्रेस की अपनी एक नई पहचान बन गई | इसके पश्चात् कांग्रेस ने बटवारे का खुलकर विरोध किया और अंग्रेजी सामानों का बह्हिष्कार किया | कांग्रेस ने अंग्रेजो के खिलाफ आन्दोलन शुरू कर दिया था  और इसमें फुट पड़ गया | जिससे कांग्रेस के दो धड़ बन गए |
1. नरम दल |
2. गरम दल |

इसमें गरम दल चाहता था  की आन्दोलन बंगाल तक सिमित न रखा जाये,
जबकि नरम दल खुलकर अंग्रेजो की बगावत करने के खिलाफ था|

महात्मा गाँधी  इण्डिया कब आये थे, 

महात्मा गाँधी का  कांग्रेस में कब प्रवेश हुआ 

महात्मा गाँधी जी 1905 में साउथ अफ्रीका से भारत आये थे और 1919 में असहयोग आन्दोलन से गाँधी जी राजनीति में प्रवेश किया था | गाँधी जी के प्रवेश लेते ही कांग्रेस के मायने ही बदल गए और पार्टी का मतलब ही महात्मा गाँधी हो गया था , महात्मा गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने देश को आजादी दिलाने के लिए कई आन्दोलन किये थे|
    महात्मा गांधी के नेतृत्व मे देश की आजादी कि लाड़ाई में कांग्रेस पार्टी ने अहम भूमिका निभाई हैं।

गाँधी जी के आन्दोलन दुनिया में अपनी तरह के पहले एसे आन्दोलन थे जिसमे किसी हुकूमत के खिलाफ अहिंसक तरीके से लड़ाई लड़ी गई हो,गाँधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी अंग्रेजो के खिलाफ कई आन्दोलनों का हिस्सा रहा है  जिसमे सविनय आन्दोलन, भारत छोडो आन्दोलन है \ आजादी से पहले कांग्रेस की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है की उस समय पार्टी के 1.5 करोड़ से ज्यादा सदस्य थे और 7 करोड़ से ज्यादा समर्थक थे|
    महात्मा गाँधी जी के नेतृत्व में देश की आजादी की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी ने अहम् भूमिका निभ्य था |

कांग्रेस ने देश को कितने प्रधान मंत्री दिए

कांग्रेस ने देश को कई प्रधान मंत्री दिए  


जब बात आती कांग्रेस की तो कांग्रेस उस समय की सबसे कामयाब और मजबूत सरकार थी इसे हरा पाना दूसरे सरकारी पार्टी के बस में नहीं था क्योंकि इस सरकार पर लोगो का भरोसा था जिसके वजह से यह बहुत मजबूत हो चुकी थी ,जब देश आजाद हुआ तब से लेकर 2014 तक एक मजबूत पार्टी बनी रहीं इसके बाद पार्टी पूरी तरह से तितिर - बितीर हो गई और 2014 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा,इसके बाद से कांग्रेस पार्टी कभी भी pm चुनाव नही जीत पाया।

          वैसे कांग्रेस ने भारत को अब तक छः प्रधान मंत्री दिए हैं
1.जवाहर लाल नेहरू (1947 से 1964 तक)
2.लाल बहादुर शास्त्री (1964 से 1966 तक)
3. इंदिरा गांधी (1966 से 1977 और 1980 से 1984 तक)
4. राजीव गांधी ( 1984 से 1989 तक)
5.पीवी नरसिंह राव (1991 से 1996 तक)
6.मनमोहन सिंग ( 2004 से 2014 तक)
  
      136 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी के अब तक 80 से ज्यादा अध्यक्ष रह चुके हैंI इनमे से 18 अध्यक्ष आजादी के बाद बने है। आजादी के बाद इन 73 सालो में 38 साल नेहरू- गांधी परिवार ने पार्टी की अध्यक्षता संभाली हैं, जबकि 35 साल गैर नेहरु गांधी परिवार ने अध्यक्षता की कमान संभाली थी।

Note:- आपको भारत देश में राजनीतिक पार्टी का जन्म कब हुआ था पोस्ट अच्छी लगी हो तो comment करके जरूर बताए
और अपना नया प्रश्न बताए ताकि मैं आपके प्रश्न पर अगला पोस्ट लिख सकू।

धन्यवाद

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